मिश्रदण्ड में पंजों व हथेलियों के सहारे बैठकर (ध्यान रहे कोहनियां घुटने के अंदर रहे) फिर श्वास लेते हुए पैरों को उछालकर ...Posted by Baba Ramdev on Wednesday, September 2, 2015
मिश्रदण्ड में पंजों व हथेलियों के सहारे बैठकर (ध्यान रहे कोहनियां घुटने के अंदर रहे) फिर श्वास लेते हुए पैरों को उछालकर ...
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