पवित्र विचार-प्रवाह ही जीवन है तथा विचार-प्रवाह का विघटन ही मत्यु है।
-स्वामी रामदेव
विचारों की अपवित्रता ही हिंसा, अपराध, क्रूरता, शोषण, अन्याय, अधर्म और भ्रष्टाचार का कारण है।
-स्वामी रामदेव
विचारों की पवित्रता ही नैतिकता है।
-स्वामी रामदेव
विचार ही सम्पूर्ण खुशियों का आधार है।
-स्वामी रामदेव
सदविचार ही सद्व्यवहार का मूल है।
-स्वामी रामदेव
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